मैं बद-नसीब हूँ मुझ को न दे ख़ुशी इतनी गिला शिकवा << मेरी चाहत ने उसे खुशी दे ... होगी कितनी चाहत उस दिल मे... >> मैं बद-नसीब हूँ मुझ को न दे ख़ुशी इतनी कि मैं ख़ुशी को भी ले कर ख़राब कर दूँगा! Share on: